उस पत्थर पर लिखा था "प्रधानमंत्री आवास योजना"।
मुज़फ़्फ़रनगर में महागठबंधन के नेता एक मुस्लिम भाई के घर वोट माँगने पहुँचे। सारी जिंदगी उसने मजदूरी की, अब बूढ़ा हो गया है आँखों से कम दिखाई देता है।
वो घर से बाहर आया। दुआ सलाम की, पता चला महागठबंधन के नेता आये हैं। नेता बोले चचा नलके वाले हैं इस मोदी को हटाना है अबके जोर लगा दो। बूढ़ा कुछ नहीं बोला बस उसने अपने घर के बाहर लगे एक पत्थर को चूमा।
सारे नेता खामोश हो गये। उसकी आँखों में आँसू थे, हाथ जोडकर बोला साहब मोदी को मत हटाओ मेरे जैसे करोड़ों गरीबों को अभी ऐसे पक्के मकानों की जरूरत है। ताउम्र बरसात में रोया हूँ अपनी बेबसी पर। पहली बार सर्दियों की बरसात में अपने बरामदे में खुशी से बैठकर चाय पी है। मोदी फरिश्ता है। मोदी को मत हटाओ।
उस पत्थर पर लिखा था "प्रधानमंत्री आवास योजना"।